Mukhyamantri Pragatishil Pashupalak Protsahan Yojana : उत्तर प्रदेश सरकार की “मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना” के बारे में जानें। देशी गायों की नस्ल सुधार और दूध उत्पादकता बढ़ाने के लिए इस योजना का लाभ कैसे उठाएं, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, और अधिक जानकारी प्राप्त करें।
Join WhatsApp Group | Click here |
Join Telegram channel | Click here |
मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना परिचय
यह योजना उत्तर प्रदेश में गायों की नस्ल सुधारने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए “नंद बाबा मिल्क मिशन” के तहत शुरू की गई है। उत्तर प्रदेश देश में दूध उत्पादन में सबसे आगे है। यह योजना राज्य के सभी जिलों में लागू होगी।
इस योजना का उद्देश्य है:
- अच्छी नस्ल की देसी गायों को पालने के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित करना।
- गायों की नस्ल सुधार, उनकी देखभाल, अच्छा पोषण और स्वास्थ्य रक्षा के लिए पशुपालकों को प्रेरित करना।
- दूध उत्पादन बढ़ाकर पशुपालकों की आय में वृद्धि करना।
- राज्य में लोगों को अधिक दूध उपलब्ध कराना और इसे राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाना।
मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना 2025
योजना का नाम | मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना |
योजना का उद्देश्य | देशी गायों की नस्ल सुधार और दूध उत्पादन बढ़ाना। |
लाभ | उच्च उत्पादकता और बेहतर नस्ल के लिए प्रति गाय ₹10,000 से ₹15,000 तक का नकद पुरस्कार। |
पात्रता | उत्तर प्रदेश का निवासी, 18 वर्ष या उससे अधिक आयु, केवल व्यक्तिगत पशुपालक, गिर, साहीवाल, हरियाणा, गंगातीरी, और थारपारकर जैसी देशी नस्ल की गायें। |
आवश्यक दस्तावेज | पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, गाय का पहचान पत्र, गाय का बीमा, बैंक पासबुक, आवेदक का गाय के साथ फोटो, शपथ पत्र, अन्य | |
आवेदन कैसे करें | ऑफलाइन प्रक्रिया |
महत्वपूर्ण तिथियां | Update Soon |
ऑफिसियल लिंक | Click here |
हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ें | Click here |
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें | Click here |
हमारे व्हात्सप्प ग्रुप से जुड़े – | Click here |
हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़े – | Click here |
मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना: उत्तर प्रदेश
विवरण
“मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना” उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा “नंद बाबा मिल्क मिशन” के अंतर्गत शुरू की गई एक योजना है। इसका उद्देश्य देशी गायों की नस्ल में सुधार और दूध उत्पादकता में वृद्धि करना है। यह योजना राज्य के सभी जिलों में लागू है।
योजना के उद्देश्य:
- राज्य में उच्च गुणवत्ता और उत्पादकता वाली देशी गायों के पालन को प्रोत्साहित करना।
- पशुपालकों को गायों के नस्ल सुधार, बेहतर देखभाल, गुणवत्तापूर्ण पोषण और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्रेरित करना।
- राज्य में दूध उत्पादकता बढ़ाकर पशुपालकों की आय में वृद्धि करना।
- राज्य में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता बढ़ाना और इसे राष्ट्रीय स्तर पर लाना।
लाभ
इस योजना के तहत, उच्च उत्पादकता और उन्नत नस्लों वाली गायों के लिए प्रति गाय ₹10,000 से ₹15,000 तक का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
पात्रता
- आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- केवल व्यक्तिगत पशुपालक ही पात्र होंगे, समूह, फर्म या संगठन पात्र नहीं होंगे।
- केवल गिर, साहीवाल, हरियाणा, गंगातीरी, और थारपारकर जैसी देशी नस्ल की गायें ही पात्र हैं।
- राज्य के पशुपालक अधिकतम 02 गायों के लिए केवल एक बार इस प्रोत्साहन राशि का लाभ उठा सकते हैं।
- पशुपालक गाय के जीवनकाल में केवल एक बार प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के पात्र होंगे।
आवेदन प्रक्रिया
ऑफ़लाइन:
- पात्र आवेदक आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन पत्र (अनुलग्नक-2) डाउनलोड कर सकते हैं।
- आवेदन पत्र में सभी अनिवार्य क्षेत्रों को भरें, और सभी अनिवार्य दस्तावेजों की प्रतियां संलग्न करें (आवश्यकतानुसार स्व-सत्यापित)।
- विधिवत भरे और हस्ताक्षरित आवेदन पत्र को दस्तावेजों के साथ मुख्य विकास अधिकारी या मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को जमा करें।
- मुख्य विकास अधिकारी या मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से एक रसीद या पावती का अनुरोध करें, जिसके पास आवेदन जमा किया गया है। सुनिश्चित करें कि रसीद में जमा करने की तिथि और समय, और एक अद्वितीय पहचान संख्या (यदि लागू हो) जैसे आवश्यक विवरण हों।
ध्यान दें: गाय के बछड़े के जन्म की तारीख से 45 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा।
आवश्यक दस्तावेज़
- पासपोर्ट साइज फोटो।
- आधार कार्ड।
- प्रमाण पत्र और पहचान संख्या (गाय की पहचान के लिए माइक्रोचिप्स/कान टैगिंग सिस्टम)।
- गाय के परिचालन बीमा की प्रति।
- बैंक पासबुक/रद्द किया हुआ चेक।
- गाय के साथ आवेदक का पूरा फोटो।
- नोटरीकृत शपथ पत्र (गाय का उसके जीवनकाल में वध नहीं किया जाएगा और उसी गाय के लिए पहले प्रोत्साहन राशि प्राप्त नहीं हुई है)।
हमारे व्हात्सप्प ग्रुप से जुड़े – | Click here |
हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़े – | Click here |
Mukhyamantri Pragatishil Pashupalak Protsahan Yojana in hindi
महत्वपूर्ण तिथियां
- छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: Update Soon
- जानकारी में गलती सुधारने की अंतिम तिथि: Update Soon
- संस्थान द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि: Update Soon
Join WhatsApp Group | Click here |
Join Telegram channel | Click here |
संपर्क सूत्र
उत्तर प्रदेश सरकार
महत्वपूर्ण लिंक
ऑफलाइन आवेदन | क्लिक करें |
दिशा-निर्देश | क्लिक करें |
मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
१. इस योजना के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
उत्तर प्रदेश का कोई भी निवासी जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो और जो गिर, साहीवाल, हरियाणा, गंगातीरी, या थारपारकर जैसी देशी गायों का पालन करता हो, वह इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है।
२. एक पशुपालक को प्रति गाय कितनी वित्तीय प्रोत्साहन राशि मिल सकती है?
एक पशुपालक को प्रति गाय ₹10,000 से ₹15,000 तक की वित्तीय प्रोत्साहन राशि मिल सकती है।
३. क्या संगठन या समूह इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं?
नहीं, यह योजना केवल व्यक्तिगत पशुपालकों के लिए है। समूह, फर्म या संगठन पात्र नहीं हैं।
४. क्या यह प्रोत्साहन किसी भी दुग्धकालीन अवधि में गायों के लिए उपलब्ध है?
यह प्रोत्साहन केवल उन गायों के लिए उपलब्ध है जो अपनी पहली, दूसरी या तीसरी दुग्धकालीन अवधि में हैं।
५. इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है?
आवेदन संबंधित जिले के मुख्य विकास अधिकारी या मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को ऑफलाइन जमा किए जा सकते हैं।
६. गाय के बछड़े के जन्म के बाद आवेदकों को अपना आवेदन जमा करने के लिए कितना समय है?
आवेदकों को गाय के बछड़े के जन्म के 45 दिनों के भीतर अपना आवेदन जमा करना होगा।
७. दूध उत्पादकता निर्धारित करने के लिए सत्यापन प्रक्रिया क्या है?
गाय की दूध उत्पादकता का सत्यापन एक समिति द्वारा मौके पर किया जाता है। उत्पादकता को लगातार दो दिनों तक चार दुग्धदोहन (सुबह और शाम) में मापा जाता है।
८. क्या कोई आवेदक एक ही गाय के लिए एक से अधिक बार प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकता है?
नहीं, एक आवेदक गाय के जीवनकाल में केवल एक बार प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकता है।
९. इस योजना में नंद बाबा दुग्ध मिशन की क्या भूमिका है?
नंद बाबा दुग्ध मिशन सोसाइटी इस योजना को लागू करने और निगरानी करने वाली नोडल एजेंसी है।
१०. आवेदनों का मौके पर सत्यापन कैसे किया जाता है?
सत्यापन वरिष्ठ दुग्ध निरीक्षक, पशुधन विस्तार अधिकारी और अन्य नामित अधिकारियों वाली एक समिति द्वारा किया जाता है। वे मौके पर निरीक्षण के माध्यम से गाय की उत्पादकता का निर्धारण करते हैं।
११. आवेदन स्वीकृत होने के बाद प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने में कितना समय लगता है?
आवेदन स्वीकृत और सत्यापित होने के बाद प्रोत्साहन राशि एक महीने के भीतर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से वितरित की जाती है।
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई है। “मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना” उत्तर प्रदेश के पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना देशी गायों के पालन को बढ़ावा देने, दूध उत्पादकता में वृद्धि करने और पशुपालकों की आय में सुधार करने में मदद करेगी।
नोट – ऊपर दिए गए लेख में जानकारी आधिकारिक वेबसाइटों से ली गई है। हमारी टीम लगातार आपको सटीक और नवीनतम जानकारी देने के लिए प्रयासरत है। यदि आपको लगता है कि इस लेख में कोई सुधार की आवश्यकता है, तो कृपया हमें संपर्क पृष्ठ पर बताएं। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है और हमें अपनी जानकारी में सुधार करने में मदद करेगी। आप जानते हैं कि आजकल इंटरनेट पर बहुत सी गलत जानकारी फैलाई जाती है। इसलिए, आधिकारिक वेबसाइटों को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। एवं सटीक जानकारी के लिए ऑफिसियल वेबसाइट देखे | धन्यवाद!