दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रावास योजना 2025 | Hostel Scheme for Disabled Students in hindi

Hostel Scheme for Disabled Students in hindi : मध्य प्रदेश सरकार की “दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रावास योजना” के बारे में जानें। इस योजना के तहत, कक्षा 11वीं और उससे ऊपर के दिव्यांग छात्रों को छात्रावास सुविधा प्रदान की जाती है। पात्रता, लाभ, आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।

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Table of Contents

दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रावास योजना परिचय

मध्य प्रदेश सरकार ने दिव्यांग छात्रों के लिए एक अच्छी योजना शुरू की है। इस योजना का नाम है “दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रावास योजना”। यह योजना 8 सितंबर 2008 को शुरू हुई थी। इसका मकसद उन दिव्यांग बच्चों को रहने की जगह देना है जो 11वीं या उससे ऊपर की कक्षाओं में पढ़ते हैं और जिनके स्कूल या कॉलेज में हॉस्टल नहीं है।

सरकार ऐसे बच्चों के लिए प्राइवेट बिल्डिंग किराए पर लेकर हॉस्टल बनवाती है। हर महीने बिजली और पानी का 1000 रुपये तक का खर्च सरकार देती है। अगर खर्च इससे ज़्यादा हुआ तो बाकी का पैसा सभी बच्चे मिलकर भरेंगे।

सरकार सिर्फ़ किराया, बिजली और पानी का बिल भरेगी। बाकी चीज़ें जैसे बर्तन, फर्नीचर, खाना, सफ़ाई, अख़बार वगैरह बच्चों को खुद ही देखना होगा।

दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रावास योजना 2025

योजना का नामदिव्यांग छात्रों के लिए छात्रावास योजना
योजना का उद्देश्ययह योजना दिव्यांग छात्रों को आवास सहायता प्रदान करती है ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।
लाभछात्रों को ₹750/- मासिक किराया सहायता और ₹1,000/- मासिक बिजली व पानी के लिए मिलते हैं।
पात्रता मध्य प्रदेश के निवासी, 40% से अधिक दिव्यांगता वाले, कक्षा 11 या उससे ऊपर के छात्र जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹96,000/- से कम हो।
आवश्यक दस्तावेजपासपोर्ट साइज़ फोटो, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पिछली कक्षा की मार्कशीट, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), दिव्यांगता प्रमाण पत्र, स्कूल/कॉलेज पंजीकरण फॉर्म, समग्र आईडी, बैंक पासबुक/बैंक खाता विवरण, और अन्य आवश्यक दस्तावेज़, अन्य |
आवेदन कैसे करें ऑफलाइन प्रक्रिया
महत्वपूर्ण तिथियां Update Soon
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दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रावास योजना: मध्य प्रदेश

परिचय

मध्य प्रदेश सरकार, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा 8 सितंबर 2008 को “दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रावास योजना” शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य उन दिव्यांग छात्रों को छात्रावास सुविधा प्रदान करना है जो कक्षा 11वीं और उससे ऊपर की कक्षाओं में नियमित रूप से प्रवेश ले रहे हैं और जिनके स्कूलों/कॉलेजों में छात्रावास सुविधा उपलब्ध नहीं है, उन्हें निजी भवनों को किराए पर लेकर छात्रावास सुविधा प्रदान की जाती है।

विवरण

इस योजना के अंतर्गत, प्रत्येक छात्रावास में बिजली और पानी का खर्च सरकार द्वारा ₹1,000/- प्रति माह की दर से वहन किया जाएगा। यदि खर्च इससे अधिक होता है, तो अतिरिक्त राशि छात्रों द्वारा समान रूप से वहन की जाएगी। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा केवल मकान किराया, बिजली और पानी का कर वहन किया जाएगा। बर्तन, उपकरण, फर्नीचर, राशन, पानी, सफाई, समाचार पत्र, सफाई कर्मचारी आदि बाकी व्यवस्थाएं छात्रों को स्वयं करनी होंगी। इसके लिए विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं है।

लाभ

योजना के अंतर्गत, पात्र छात्रों को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं जिन्हें स्कूलों/कॉलेजों से छात्रावास सुविधा नहीं मिल रही है:

  • किराया सहायता: लाभार्थियों को छात्र आवास किराए पर लेने के लिए ₹750/- प्रति माह मिलते हैं, जिसे जिला अधिकारी या सामाजिक न्याय विभाग द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।
  • उपयोगिता सहायता: छात्र आवास के लिए बिजली और पानी के शुल्क को कवर करने के लिए छात्रों को ₹1,000/- प्रति माह दिए जाते हैं।
  • किराया अनुमोदन: जिला कलेक्टर ₹1,500/- प्रति माह तक के छात्र आवास किराए को मंजूरी देते हैं।

पात्रता

  • आवेदक मध्य प्रदेश का निवासी होना चाहिए।
  • आवेदक को 40% या उससे अधिक की विकलांगता होनी चाहिए।
  • आवेदक किसी भी मान्यता प्राप्त सरकारी या निजी शिक्षण संस्थान में कक्षा 11 या उच्चतर कक्षा में अध्ययनरत होना चाहिए।
  • छात्र को सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कॉलेज या पॉलिटेक्निक कॉलेज में न्यूनतम दो वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम में नियमित छात्र के रूप में नामांकित होना चाहिए।
  • आवेदक के माता-पिता या अभिभावकों की वार्षिक आय ₹96,000/- से अधिक नहीं होनी चाहिए।

नोट:

  1. छात्र आवास सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए कम से कम 5 लड़कियां या 5 लड़के छात्र होने चाहिए।
  2. लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावास अलग-अलग भवनों में होंगे।
  3. नि:शक्तजन (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 की धारा-2 में परिभाषित 40% से अधिक विकलांगता।
  4. सरकारी/गैर-सरकारी संस्थानों के प्राचार्य प्रवेश देने के लिए सक्षम होंगे।
  5. मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्ति के लिए पात्र या पहले से ही प्राप्त करने वाले छात्र, जिनका चरित्र उत्कृष्ट है और जो योजना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, उन्हें केवल छात्रावास दर पर मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्ति मिलेगी।
  6. छात्रावास के छात्र किसी भी राज्य छात्रवृत्ति के लिए पात्र नहीं हैं।

आवेदन प्रक्रिया

ऑफ़लाइन

निर्धारित प्रारूप में आवेदन सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण के जिला कार्यालय में जमा करना होगा।

नोट:

  1. जिला अधिकारी सामाजिक न्याय सक्षम अनुमोदन के लिए अधिकृत होंगे।
  2. मकान का निरीक्षण करने के बाद, जिला संभागीय अधिकारी या प्राचार्य बिजली, पानी, शौचालय, अच्छी स्थिति में भवन, शिक्षण संस्थानों से निकटता, छात्रों की सुविधा आदि को ध्यान में रखेंगे।

आवश्यक दस्तावेज़

  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • आधार कार्ड
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • मध्य प्रदेश का मूल निवास प्रमाण पत्र
  • पिछली कक्षा की मार्कशीट
  • आय प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • विकलांगता प्रमाण पत्र
  • स्कूल/कॉलेज पंजीकरण फॉर्म
  • समग्र आईडी
  • बैंक पासबुक/बैंक खाता विवरण
  • आवश्यकतानुसार कोई अन्य दस्तावेज
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Hostel Scheme for Disabled Students in hindi

दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रावास योजना 2025

महत्वपूर्ण तिथियां

  • छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: Update Soon
  • जानकारी में गलती सुधारने की अंतिम तिथि: Update Soon
  • संस्थान द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि: Update Soon
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संपर्क सूत्र

मध्य प्रदेश, शासन

महत्वपूर्ण लिंक

ऑफलाइन आवेदनक्लिक करें
दिशा-निर्देशक्लिक करें

विकलांग छात्रों के लिए छात्रावास योजना के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

योजना का मकसद क्या है?

इस योजना का मकसद कक्षा 11 और उससे ऊपर के दिव्यांग छात्रों को हॉस्टल में रहने की सुविधा देना है। अगर हॉस्टल में जगह नहीं है, तो उन्हें किराए के मकान में रहने के लिए पैसे भी दिए जाएँगे।

इस योजना में क्या-क्या मिलता है?

किराए के लिए मदद: अगर आप किराए के मकान में रहते हैं, तो आपको हर महीने ₹750 किराए के लिए मिलेंगे।
बिजली-पानी का खर्च: बिजली और पानी के बिल के लिए हर महीने ₹1,000 दिए जाएँगे।
मकान का किराया: अगर आपके मकान का किराया ₹1,500 प्रति महीने तक है, तो उसे ज़िला कलेक्टर मंज़ूर कर सकते हैं।

कौन इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है?

मध्य प्रदेश का रहने वाला हो।
40% या उससे ज़्यादा दिव्यांगता हो।
किसी मान्यता प्राप्त स्कूल या कॉलेज में कक्षा 11 या उससे ऊपर की पढ़ाई कर रहा हो।
कम से कम दो साल के डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लिया हो।
परिवार की सालाना आमदनी ₹96,000 से ज़्यादा न हो।

सरकार कौन-कौन से खर्च उठाएगी?

सरकार आपके मकान का किराया, बिजली और पानी का बिल देगी, लेकिन कुछ सीमा तक। इसके अलावा बर्तन, सामान, फर्नीचर, रोज़मर्रा की ज़रूरतों का खर्च आपको खुद उठाना होगा।

अगर बिजली-पानी का बिल ₹1,000 से ज़्यादा आए तो?

अगर बिजली और पानी का बिल ₹1,000 से ज़्यादा आता है, तो बाकी का खर्च आपको खुद देना होगा।

किराए और बिजली-पानी के पैसे कौन मंज़ूर करता है?

सामाजिक न्याय विभाग के ज़िला अधिकारी किराए की मदद को मंज़ूर करते हैं, और ज़िला कलेक्टर आपके मकान के किराए को मंज़ूर करते हैं।

क्या पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप पाने वाले छात्र भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं?

हाँ, बिल्कुल! लेकिन उन्हें स्कॉलरशिप सिर्फ़ हॉस्टल के हिसाब से ही मिलेगी।

क्या इस योजना का लाभ लेने वाले छात्रों को कोई और स्कॉलरशिप मिलेगी?

नहीं, इस योजना के तहत हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को राज्य सरकार की कोई और स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी।

इस योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

आपको सामाजिक न्याय और निःशक्तजन कल्याण विभाग के ज़िला कार्यालय में जाकर एक फॉर्म भरना होगा।

क्या लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल हैं?

हाँ, इस योजना में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग इमारतों में हॉस्टल होने चाहिए।

छात्रों को और कौन-कौन से खर्च उठाने होंगे?

छात्रों को बर्तन, सामान, फर्नीचर, राशन, सफाई, अखबार और सफाई कर्मचारियों का खर्च खुद उठाना होगा।

निष्कर्ष

मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई है। मध्य प्रदेश सरकार की “दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रावास योजना” दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षा प्राप्ति में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांग छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करती है और उन्हें समाज में समान अवसर प्रदान करती है।

नोट – ऊपर दिए गए लेख में जानकारी आधिकारिक वेबसाइटों से ली गई है। हमारी टीम लगातार आपको सटीक और नवीनतम जानकारी देने के लिए प्रयासरत है। यदि आपको लगता है कि इस लेख में कोई सुधार की आवश्यकता है, तो कृपया हमें संपर्क पृष्ठ पर बताएं। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है और हमें अपनी जानकारी में सुधार करने में मदद करेगी। आप जानते हैं कि आजकल इंटरनेट पर बहुत सी गलत जानकारी फैलाई जाती है। इसलिए, आधिकारिक वेबसाइटों को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। एवं सटीक जानकारी के लिए ऑफिसियल वेबसाइट देखे |  धन्यवाद!

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