निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम 2025 | Export Promotion Council Membership Reimbursement Scheme in hindi

User avatar placeholder
Written by Tripti Singh

February 28, 2024

Export Promotion Council Membership Reimbursement Scheme for Scheduled Caste/Scheduled Tribe : सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा संचालित “निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम” अनुसूचित जाति/जनजाति के सूक्ष्म और लघु उद्यमों को निर्यात संवर्धन परिषदों की सदस्यता शुल्क की प्रतिपूर्ति प्रदान करती है। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सदस्यता नवीनीकरण प्रक्रियाएँ जारी हैं और निर्यातकों को डीजीएफटी पोर्टल के माध्यम से अपना आरसीएमसी (पंजीकरण-सह-सदस्यता प्रमाणपत्र) 31 मई 2025 तक नवीनीकृत करने की सलाह दी गई है।

Join WhatsApp Group Click here
Join Telegram channel Click here

मुख्य बातें:

  • यह योजना अनुसूचित जाति/जनजाति के सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए निर्यात को बढ़ावा देती है।
  • योजना के तहत निर्यात संवर्धन परिषदों (EPC) द्वारा लगाए गए वार्षिक सदस्यता शुल्क/एकमुश्त शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाती है।
  • प्रतिपूर्ति 80% या ₹20,000/- (जीएसटी और अन्य लागू करों को छोड़कर) जो भी कम हो, प्रति वित्तीय वर्ष प्रदान की जाती है।
  • आरसीएमसी का नवीनीकरण डीजीएफटी के सामान्य डिजिटल पोर्टल के माध्यम से अनिवार्य है।
  • निर्यातकों को सलाह दी गई है कि वे 31 मई 2025 तक अपना आरसीएमसी नवीनीकृत करवा लें, ताकि सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा माल को रोके जाने से बचा जा सके।

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति योजना 2025

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने अनुसूचित जाति और जनजाति (SC/ST) वर्ग के छोटे कारोबारों की मदद के लिए एक योजना शुरू की है. इसे “निर्यात संवर्धन परिषद सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना” कहते हैं. यह योजना दरअसल, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति हब (NSSH) योजना का एक हिस्सा है.

इस योजना के तहत, अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के सूक्ष्म और लघु उद्यमों (MSME) को विभिन्न निर्यात संवर्धन परिषदों (EPC) को दी जाने वाली सदस्यता फीस पर कुछ रकम वापस मिल सकती है. यह रकम सालाना सदस्यता शुल्क, एक बार के शुल्क या फिर प्रवेश शुल्क पर मिल सकती है |

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम 2025

योजना का नामनिर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम
योजना का उद्देश्यअनुसूचित जाति/जनजाति सूक्ष्म उद्यमों को निर्यात बढ़ाने में मदद के लिए सदस्यता शुल्क पर वापसी प्रदान करना।
पात्रता इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के सूक्ष्म और लघु उद्यमी उठा सकते हैं।
लाभवित्तीय वर्ष में अनुसूचित जाति/जनजाति सूक्ष्म उद्यमों को अधिकतम ₹ 20,000/- या सदस्यता शुल्क का 80% (जो भी कम हो) वापस किया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेजउद्योग आधार पंजीकरण, जीएसटी नंबर (यदि लागू हो), पैन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, शेयरधारिता विवरण, साझेदारी/कंपनी दस्तावेज, आयात-निर्यात कोड, निर्यात संवर्धन परिषद प्रमाण पत्र, सदस्यता शुल्क रसीद और बैंक खाता विवरण, अन्य |
आवेदन कैसे करें ऑनलाइन प्रक्रिया
महत्वपूर्ण तिथियां Update Soon
ऑफिसियल लिंकClick here
हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ेंClick here
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ेंClick here
हमारे व्हात्सप्प ग्रुप से जुड़े – Click here
हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़े – Click here

Export Promotion Council Membership Reimbursement Scheme in hindi

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम 2025
निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम 2025

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम परिचय

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए निर्यात संवर्धन परिषद सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना

भारत सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं और पहल करती है। इनमें से एक योजना अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) वर्ग के उद्यमियों के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना है।

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम 2025

योजना का उद्देश्य:

  • एससी/एसटी उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करने और निर्यात व्यापार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • ईपीसी सदस्यता के माध्यम से उन्हें आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान करना।
  • निर्यात के लिए उनकी क्षमता निर्माण और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करना।

योजना के लाभ:

  • एससी/एसटी उद्यमियों को ईपीसी सदस्यता शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाती है।
  • उन्हें ईपीसी द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलता है।
  • उन्हें अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और व्यापारिक संगठनों के साथ नेटवर्किंग करने का अवसर मिलता है।
  • उन्हें निर्यात प्रक्रियाओं और विनियमों के बारे में जानकारी और सहायता प्राप्त होती है।

योजना के लिए पात्रता:

  • आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • आवेदक एससी/एसटी वर्ग का होना चाहिए।
  • आवेदक का एक एमएसएमई उद्यम होना चाहिए।
  • आवेदक को किसी मान्यता प्राप्त ईपीसी का सदस्य होना चाहिए।

आवेदन कैसे करें:

  • आवेदक योजना के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन आवेदन के लिए, आवेदक को एमएसएमई मंत्रालय की वेबसाइट पर जाना होगा और निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र भरना होगा।
  • ऑफलाइन आवेदन के लिए, आवेदक को एमएसएमई मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा और उसे भरकर जमा करना होगा।

योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए:

  • एमएसएमई मंत्रालय की वेबसाइट: https://msme.gov.in/
  • एमएसएमई मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय
  • ईपीसी

आवश्यक दस्तावेज:

लाभार्थियों द्वारा निर्यात संवर्धन परिषद सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना के तहत जमा किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची:

  1. स्व-प्रमाणित आधार कार्ड की प्रति।
  2. यदि लागू हो, तो स्व-प्रमाणित जीएसटी नंबर की प्रति।
  3. स्वामित्व के मामले में स्व-प्रमाणित पैन कार्ड की प्रति, एससी/एसटी स्वामी का पैन कार्ड जमा करना होगा।
  4. स्वामी/ सभी भागीदारों/ निदेशकों का स्व-प्रमाणित जाति प्रमाण पत्र।
  5. साझेदारी/ प्राइवेट लिमिटेड/ एलएलपी फर्म के मामले में शेयरहोल्डिंग का विवरण। साझेदारी के मामले में, एमएसई की स्थिति का पता लगाने के लिए उद्यम की शेयरहोल्डिंग की आवश्यकता होगी (एससी/एसटी उद्यमी की शेयरहोल्डिंग > 51%)। साझेदारी फर्म के लिए साझेदारी डीड की प्रमाणित प्रति/ एलएलपी/प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मामले में एसोसिएशन और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन की प्रमाणित प्रति आवश्यक है।
  6. संयुक्त/ उप महानिदेशक विदेश व्यापार (डीजीएफटी) के संबंधित कार्यालय द्वारा आवंटित वैध आयात और निर्यात कोड (आईईसी) के प्रमाणपत्र की प्रमाणित प्रति।
  7. संबंधित निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) द्वारा पंजीकरण के बाद जारी वैध पंजीकरण सह सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी) की प्रमाणित प्रति।
  8. मौजूदा सदस्य अपनी सदस्यता नवीनीकृत करने के मामले में, संबंधित ईपीसी द्वारा पहले जारी किए गए पंजीकरण सह सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी) की मूल/प्रमाणित प्रति।
  9. एनएसएसएचओ/ एनएसआईसी द्वारा पीएफएमएस के माध्यम से योजना के तहत प्रतिपूर्ति के रूप में हस्तांतरित राशि का प्रमाण, जहां वही वित्तीय वर्ष में पहले ऐसी सहायता प्राप्त की गई थी।
  10. संबंधित निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) को भुगतान की गई कुल राशि के लिए सदस्यता शुल्क भुगतान रसीद की प्रमाणित (हस्ताक्षर के साथ स्टाम्प) या मूल प्रति और प्रणाली से उत्पन्न जीएसटी चालान (भुगतान किए गए शुल्क (प्रवेश शुल्क, वार्षिक सदस्यता/छ सदस्यता शुल्क) के विवरण के साथ)।
  11. उद्यम के चालू खाते का रद्द चेक, जिससे ईपीसी सदस्यता शुल्क डेबिट किया गया है।

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए निर्यात संवर्धन परिषद सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना क्या है?

उत्तर: यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाइयों को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों द्वारा निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) की सदस्यता शुल्क की प्रतिपूर्ति प्रदान करती है।

प्रश्न: योजना के लाभ क्या हैं?

उत्तर: एससी/एसटी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) द्वारा वार्षिक सदस्यता शुल्क/एकमुश्त सदस्यता शुल्क/प्रवेश शुल्क पर वित्तीय वर्ष में 80% या ₹20,000/- (जीएसटी और अन्य लागू करों को छोड़कर, जो भी कम हो) की प्रतिपूर्ति की जाती है।

प्रश्न: योजना के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?

उत्तर:
एमएसएमई इकाई भारत में पंजीकृत होनी चाहिए।
एमएसएमई इकाई का स्वामित्व और प्रबंधन अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमी के पास होना चाहिए।
एमएसएमई इकाई को निर्यात में लगे हुए होना चाहिए।

प्रश्न: योजना के बारे में अधिक जानकारी कहाँ प्राप्त कर सकते हैं?

उत्तर:
एमएसएमई मंत्रालय की वेबसाइट: https://msme.gov.in/
एमएसएमई हब: https://www.msmehub.org/
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हब: https://www.scsthub.in/

निष्कर्ष

मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई है।  निर्यात संवर्धन परिषद सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना उन्हें अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रवेश करने और निर्यात बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बना सकती है।

नोट – ऊपर दिए गए लेख में जानकारी आधिकारिक वेबसाइटों से ली गई है। हमारी टीम लगातार आपको सटीक और नवीनतम जानकारी देने के लिए प्रयासरत है। यदि आपको लगता है कि इस लेख में कोई सुधार की आवश्यकता है, तो कृपया हमें संपर्क पृष्ठ पर बताएं। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है और हमें अपनी जानकारी में सुधार करने में मदद करेगी। आप जानते हैं कि आजकल इंटरनेट पर बहुत सी गलत जानकारी फैलाई जाती है। इसलिए सटीक जानकारी के लिए ऑफिसियल वेबसाइट देखे |  धन्यवाद!

Image placeholder

Lorem ipsum amet elit morbi dolor tortor. Vivamus eget mollis nostra ullam corper. Pharetra torquent auctor metus felis nibh velit. Natoque tellus semper taciti nostra. Semper pharetra montes habitant congue integer magnis.

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम 2025 | Export Promotion Council Membership Reimbursement Scheme in hindi

User avatar placeholder
Written by Tripti Singh

February 28, 2024

Reading Time : 5 min

Export Promotion Council Membership Reimbursement Scheme for Scheduled Caste/Scheduled Tribe : सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा संचालित “निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम” अनुसूचित जाति/जनजाति के सूक्ष्म और लघु उद्यमों को निर्यात संवर्धन परिषदों की सदस्यता शुल्क की प्रतिपूर्ति प्रदान करती है। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सदस्यता नवीनीकरण प्रक्रियाएँ जारी हैं और निर्यातकों को डीजीएफटी पोर्टल के माध्यम से अपना आरसीएमसी (पंजीकरण-सह-सदस्यता प्रमाणपत्र) 31 मई 2025 तक नवीनीकृत करने की सलाह दी गई है।

Join WhatsApp Group Click here
Join Telegram channel Click here

मुख्य बातें:

  • यह योजना अनुसूचित जाति/जनजाति के सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए निर्यात को बढ़ावा देती है।
  • योजना के तहत निर्यात संवर्धन परिषदों (EPC) द्वारा लगाए गए वार्षिक सदस्यता शुल्क/एकमुश्त शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाती है।
  • प्रतिपूर्ति 80% या ₹20,000/- (जीएसटी और अन्य लागू करों को छोड़कर) जो भी कम हो, प्रति वित्तीय वर्ष प्रदान की जाती है।
  • आरसीएमसी का नवीनीकरण डीजीएफटी के सामान्य डिजिटल पोर्टल के माध्यम से अनिवार्य है।
  • निर्यातकों को सलाह दी गई है कि वे 31 मई 2025 तक अपना आरसीएमसी नवीनीकृत करवा लें, ताकि सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा माल को रोके जाने से बचा जा सके।

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति योजना 2025

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने अनुसूचित जाति और जनजाति (SC/ST) वर्ग के छोटे कारोबारों की मदद के लिए एक योजना शुरू की है. इसे “निर्यात संवर्धन परिषद सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना” कहते हैं. यह योजना दरअसल, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति हब (NSSH) योजना का एक हिस्सा है.

इस योजना के तहत, अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के सूक्ष्म और लघु उद्यमों (MSME) को विभिन्न निर्यात संवर्धन परिषदों (EPC) को दी जाने वाली सदस्यता फीस पर कुछ रकम वापस मिल सकती है. यह रकम सालाना सदस्यता शुल्क, एक बार के शुल्क या फिर प्रवेश शुल्क पर मिल सकती है |

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम 2025

योजना का नामनिर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम
योजना का उद्देश्यअनुसूचित जाति/जनजाति सूक्ष्म उद्यमों को निर्यात बढ़ाने में मदद के लिए सदस्यता शुल्क पर वापसी प्रदान करना।
पात्रता इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के सूक्ष्म और लघु उद्यमी उठा सकते हैं।
लाभवित्तीय वर्ष में अनुसूचित जाति/जनजाति सूक्ष्म उद्यमों को अधिकतम ₹ 20,000/- या सदस्यता शुल्क का 80% (जो भी कम हो) वापस किया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेजउद्योग आधार पंजीकरण, जीएसटी नंबर (यदि लागू हो), पैन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, शेयरधारिता विवरण, साझेदारी/कंपनी दस्तावेज, आयात-निर्यात कोड, निर्यात संवर्धन परिषद प्रमाण पत्र, सदस्यता शुल्क रसीद और बैंक खाता विवरण, अन्य |
आवेदन कैसे करें ऑनलाइन प्रक्रिया
महत्वपूर्ण तिथियां Update Soon
ऑफिसियल लिंकClick here
हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ेंClick here
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ेंClick here
हमारे व्हात्सप्प ग्रुप से जुड़े – Click here
हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़े – Click here

Export Promotion Council Membership Reimbursement Scheme in hindi

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम 2025
निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम 2025

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम परिचय

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए निर्यात संवर्धन परिषद सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना

भारत सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं और पहल करती है। इनमें से एक योजना अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) वर्ग के उद्यमियों के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना है।

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम 2025

योजना का उद्देश्य:

  • एससी/एसटी उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करने और निर्यात व्यापार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • ईपीसी सदस्यता के माध्यम से उन्हें आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान करना।
  • निर्यात के लिए उनकी क्षमता निर्माण और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करना।

योजना के लाभ:

  • एससी/एसटी उद्यमियों को ईपीसी सदस्यता शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाती है।
  • उन्हें ईपीसी द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलता है।
  • उन्हें अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और व्यापारिक संगठनों के साथ नेटवर्किंग करने का अवसर मिलता है।
  • उन्हें निर्यात प्रक्रियाओं और विनियमों के बारे में जानकारी और सहायता प्राप्त होती है।

योजना के लिए पात्रता:

  • आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • आवेदक एससी/एसटी वर्ग का होना चाहिए।
  • आवेदक का एक एमएसएमई उद्यम होना चाहिए।
  • आवेदक को किसी मान्यता प्राप्त ईपीसी का सदस्य होना चाहिए।

आवेदन कैसे करें:

  • आवेदक योजना के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन आवेदन के लिए, आवेदक को एमएसएमई मंत्रालय की वेबसाइट पर जाना होगा और निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र भरना होगा।
  • ऑफलाइन आवेदन के लिए, आवेदक को एमएसएमई मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा और उसे भरकर जमा करना होगा।

योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए:

  • एमएसएमई मंत्रालय की वेबसाइट: https://msme.gov.in/
  • एमएसएमई मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय
  • ईपीसी

आवश्यक दस्तावेज:

लाभार्थियों द्वारा निर्यात संवर्धन परिषद सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना के तहत जमा किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची:

  1. स्व-प्रमाणित आधार कार्ड की प्रति।
  2. यदि लागू हो, तो स्व-प्रमाणित जीएसटी नंबर की प्रति।
  3. स्वामित्व के मामले में स्व-प्रमाणित पैन कार्ड की प्रति, एससी/एसटी स्वामी का पैन कार्ड जमा करना होगा।
  4. स्वामी/ सभी भागीदारों/ निदेशकों का स्व-प्रमाणित जाति प्रमाण पत्र।
  5. साझेदारी/ प्राइवेट लिमिटेड/ एलएलपी फर्म के मामले में शेयरहोल्डिंग का विवरण। साझेदारी के मामले में, एमएसई की स्थिति का पता लगाने के लिए उद्यम की शेयरहोल्डिंग की आवश्यकता होगी (एससी/एसटी उद्यमी की शेयरहोल्डिंग > 51%)। साझेदारी फर्म के लिए साझेदारी डीड की प्रमाणित प्रति/ एलएलपी/प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मामले में एसोसिएशन और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन की प्रमाणित प्रति आवश्यक है।
  6. संयुक्त/ उप महानिदेशक विदेश व्यापार (डीजीएफटी) के संबंधित कार्यालय द्वारा आवंटित वैध आयात और निर्यात कोड (आईईसी) के प्रमाणपत्र की प्रमाणित प्रति।
  7. संबंधित निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) द्वारा पंजीकरण के बाद जारी वैध पंजीकरण सह सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी) की प्रमाणित प्रति।
  8. मौजूदा सदस्य अपनी सदस्यता नवीनीकृत करने के मामले में, संबंधित ईपीसी द्वारा पहले जारी किए गए पंजीकरण सह सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी) की मूल/प्रमाणित प्रति।
  9. एनएसएसएचओ/ एनएसआईसी द्वारा पीएफएमएस के माध्यम से योजना के तहत प्रतिपूर्ति के रूप में हस्तांतरित राशि का प्रमाण, जहां वही वित्तीय वर्ष में पहले ऐसी सहायता प्राप्त की गई थी।
  10. संबंधित निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) को भुगतान की गई कुल राशि के लिए सदस्यता शुल्क भुगतान रसीद की प्रमाणित (हस्ताक्षर के साथ स्टाम्प) या मूल प्रति और प्रणाली से उत्पन्न जीएसटी चालान (भुगतान किए गए शुल्क (प्रवेश शुल्क, वार्षिक सदस्यता/छ सदस्यता शुल्क) के विवरण के साथ)।
  11. उद्यम के चालू खाते का रद्द चेक, जिससे ईपीसी सदस्यता शुल्क डेबिट किया गया है।

निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए निर्यात संवर्धन परिषद सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना क्या है?

उत्तर: यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाइयों को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों द्वारा निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) की सदस्यता शुल्क की प्रतिपूर्ति प्रदान करती है।

प्रश्न: योजना के लाभ क्या हैं?

उत्तर: एससी/एसटी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) द्वारा वार्षिक सदस्यता शुल्क/एकमुश्त सदस्यता शुल्क/प्रवेश शुल्क पर वित्तीय वर्ष में 80% या ₹20,000/- (जीएसटी और अन्य लागू करों को छोड़कर, जो भी कम हो) की प्रतिपूर्ति की जाती है।

प्रश्न: योजना के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?

उत्तर:
एमएसएमई इकाई भारत में पंजीकृत होनी चाहिए।
एमएसएमई इकाई का स्वामित्व और प्रबंधन अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमी के पास होना चाहिए।
एमएसएमई इकाई को निर्यात में लगे हुए होना चाहिए।

प्रश्न: योजना के बारे में अधिक जानकारी कहाँ प्राप्त कर सकते हैं?

उत्तर:
एमएसएमई मंत्रालय की वेबसाइट: https://msme.gov.in/
एमएसएमई हब: https://www.msmehub.org/
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हब: https://www.scsthub.in/

निष्कर्ष

मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई है।  निर्यात संवर्धन परिषद सदस्यता प्रतिपूर्ति योजना अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना उन्हें अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रवेश करने और निर्यात बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बना सकती है।

नोट – ऊपर दिए गए लेख में जानकारी आधिकारिक वेबसाइटों से ली गई है। हमारी टीम लगातार आपको सटीक और नवीनतम जानकारी देने के लिए प्रयासरत है। यदि आपको लगता है कि इस लेख में कोई सुधार की आवश्यकता है, तो कृपया हमें संपर्क पृष्ठ पर बताएं। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है और हमें अपनी जानकारी में सुधार करने में मदद करेगी। आप जानते हैं कि आजकल इंटरनेट पर बहुत सी गलत जानकारी फैलाई जाती है। इसलिए सटीक जानकारी के लिए ऑफिसियल वेबसाइट देखे |  धन्यवाद!

4 thoughts on “निर्यात संवर्धन परिषद सदस्‍यता प्रतिपूर्ति स्‍कीम 2025 | Export Promotion Council Membership Reimbursement Scheme in hindi”

  1. I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.

    Reply
  2. Can you be more specific about the content of your article? After reading it, I still have some doubts. Hope you can help me.

    Reply

Leave a Comment