Cultural Function And Production Grant Scheme : भारत सरकार की “सांस्कृतिक कार्य और उत्पादन अनुदान योजना” क्या है? इस योजना के तहत गैर-लाभकारी संगठनों को आर्थिक मदद कैसे मिलती है? जानिए आवेदन प्रक्रिया, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज़ और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
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सांस्कृतिक समारोह एवं उत्पादन अनुदान योजना परिचय
योजना क्या है?
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने यह योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, गैर-लाभकारी संगठन, एनजीओ, सोसायटी, ट्रस्ट और विश्वविद्यालयों को आर्थिक मदद दी जाती है। यह मदद भारतीय संस्कृति से जुड़े सेमिनार, सम्मेलन, शोध, कार्यशाला, उत्सव, प्रदर्शनी, संगोष्ठी, नाटक-थिएटर, संगीत आदि और छोटे शोध प्रोजेक्ट्स के लिए होती है।
पैसा किसलिए मिलेगा?
- सम्मेलन, सेमिनार, कार्यशाला, संगोष्ठी, उत्सव, प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए।
- नृत्य, नाटक, थिएटर, संगीत आदि के निर्माण के लिए।
- कला/संस्कृति से जुड़े छोटे शोध प्रोजेक्ट करने के लिए।
- सर्वेक्षण, पायलट प्रोजेक्ट जैसे विकास कार्यों के लिए और इससे जुड़े प्रकाशनों के लिए।
कैसे मिलेगा पैसा?
- अनुदान दो किस्तों में मिलेगा: 75% पहले और 25% बाद में।
- पैसा सीधे आपके बैंक खाते में आएगा।
पैसे का हिसाब कैसे रखना है?
- सरकार से मिले पैसे के लिए अलग खाता रखें।
- कभी भी सरकारी ऑडिट हो सकता है।
- खर्च का पूरा ब्यौरा, किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट कराकर, सरकार को दें।
- समय पर हिसाब नहीं दिया तो, ब्याज समेत पैसा वापस करना होगा।
- सरकार कभी भी योजना की समीक्षा कर सकती है।
- विदेशी मेहमान बुलाने के लिए सरकार से पहले इजाज़त लेनी होगी।
- सरकार के समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
योजना का नतीजा क्या दिखाना होगा?
- अपने कार्यक्रम (प्रोडक्शन/कार्यक्रम/सेमिनार आदि) का वीडियो यूट्यूब पर डालें और उसका लिंक संस्कृति मंत्रालय के यूट्यूब/फेसबुक/ट्विटर पेज पर दें।
सांस्कृतिक समारोह एवं उत्पादन अनुदान योजना 2024-25
योजना का नाम | सांस्कृतिक समारोह एवं उत्पादन अनुदान योजना |
योजना का उद्देश्य | योजना का लक्ष्य भारतीय संस्कृति से जुड़े विविध कार्यक्रमों और शोध को आर्थिक सहायता देकर उन्हें बढ़ावा देना है। |
पात्रता | स्वयंसेवी संगठनों को अनुदान के लिए, स्पष्ट संविधान, 3 वर्ष का पंजीकरण, एनजीओ दर्पण पोर्टल पर पंजीकरण, 25% संसाधन उपलब्धता और परियोजना के लिए आवश्यक अनुभव की आवश्यकता है। |
लाभ | परियोजनाओं को अधिकतम ₹5 लाख तक 75% अनुदान दिया जाएगा। विशिष्ट परिस्थितियों में मंत्री जी की स्वीकृति से ₹20 लाख तक सहायता बढ़ाई जा सकती है। |
आवश्यक दस्तावेज | संस्था का संविधान, प्रबंधन बोर्ड, नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट, पिछले तीन वर्षों का आय-व्यय विवरण, पिछले वर्ष की बैलेंस शीट, क्षतिपूर्ति बांड, और बैंक खाते का विवरण, अन्य | |
आवेदन कैसे करें | ऑफलाइन प्रक्रिया |
महत्वपूर्ण तिथियां | Update Soon |
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Cultural Function And Production Grant Scheme in hindi
पात्रता
- अनुदान के लिए आवेदन करने वाले स्वयंसेवी संगठनों या गैर सरकारी संगठनों के पास एक लिखित संविधान होना चाहिए जिसमें उनके प्रबंधन निकाय की शक्तियां, कर्तव्य और जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से परिभाषित हों।
- संगठन को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (1860 का XXI), ट्रस्ट अधिनियम, कंपनी अधिनियम, या किसी केंद्रीय या राज्य अधिनियम के तहत कम से कम तीन साल से कार्यरत और पंजीकृत होना चाहिए।
- आवेदक संगठनों को नीति आयोग के एनजीओ दर्पण पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करना होगा और पोर्टल से एक विशिष्ट आईडी प्राप्त करनी होगी। संगठनों को योजना के तहत आवेदन करते समय एनजीओ दर्पण पोर्टल से प्राप्त विशिष्ट आईडी और संगठन के पैन नंबर की सूचना देनी होगी।
- संगठन के पास परियोजना लागत के कम से कम 25% के बराबर संसाधन होने चाहिए या उनकी योजना होनी चाहिए।
- संगठन के पास उस कार्यक्रम/परियोजना को शुरू करने के लिए सुविधाएं, संसाधन, कर्मचारी और अनुभव होना चाहिए जिसके लिए अनुदान की आवश्यकता है।
नोट 01: जिस प्रकार के आयोजन के लिए आवेदन किया गया है, उसे आयोजित करने का पिछला अनुभव रखने वालों को वरीयता दी जाएगी।
लाभ
- किसी खास प्रोजेक्ट को मिलने वाला अनुदान उसके कुल खर्च के 75% तक ही सीमित होगा, लेकिन ये 5 लाख रुपये से ज़्यादा नहीं हो सकता, जैसा कि विशेषज्ञ समिति ने सुझाया है।
- कुछ खास मामलों में, संस्कृति मंत्री की मंज़ूरी से मंत्रालय किसी बहुत ही बढ़िया और ज़रूरी प्रोजेक्ट के लिए ये मदद बढ़ाकर 20 लाख रुपये तक कर सकता है।
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अपवाद
- यह योजना उन संगठनों या संस्थाओं पर लागू नहीं होगी जो धार्मिक संस्थानों के रूप में या स्कूल/कॉलेज के रूप में कार्य कर रही हैं।
- यह योजना कॉलेज/विश्वविद्यालय के उत्सवों के लिए नहीं है।
आवेदन प्रक्रिया
ऑफलाइन
आवेदन प्रक्रिया:
चरण 01: आवेदन:
- गैर-लाभकारी संगठन (जैसे समितियाँ, ट्रस्ट, कंपनियाँ, विश्वविद्यालय) भारतीय संस्कृति से जुड़े सेमिनार, शोध, कार्यशाला, उत्सव, प्रदर्शनियों आदि के लिए वित्तीय सहायता हेतु आवेदन कर सकते हैं।
चरण 02: आवेदन कैसे करें:
- आवेदक संगठन निर्धारित प्रारूप में पूरा भरा हुआ आवेदन पत्र निम्न में से किसी एक की सिफारिश के साथ भेजें:
- राष्ट्रीय अकादमियों
- भारत सरकार के अधीन किसी संस्कृति से जुड़े संगठन
- राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन/ राज्य अकादमियों
चरण 03: आवेदन पत्र कहाँ भेजें:
- निदेशक, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC), 14, सीएसपी सिंह मार्ग, इलाहाबाद-211001
- दूरभाष: 0532-2421855, 0532-2423698
नोट 01: स्पष्टीकरण के लिए संपर्क करें:
- अनुभाग अधिकारी, (एसएंडएफ) अनुभाग: 011-24642157
- निदेशक, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC): 0532-2421855, 0532-2423698
नोट 02: आवेदन कब करें:
- संगठन साल भर कभी भी वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
चयन प्रक्रिया:
- एक विशेषज्ञ समिति द्वारा आवेदनों की समीक्षा की जाएगी और अनुदान की सिफारिश की जाएगी।
- समिति की बैठकें साल भर में समय-समय पर होंगी, जिसमें आवेदनों की जाँच की जाएगी। यह फंड की उपलब्धता और प्राप्त आवेदनों पर निर्भर करेगा।
- कोई भी विशेषज्ञ उस संगठन के प्रस्ताव की सिफारिश नहीं कर सकता जिससे वह किसी भी तरह से जुड़ा हो (जैसे पदाधिकारी)।
- सभी विशेषज्ञ समिति सदस्यों को एक वचन पत्र देना होगा कि वे किसी भी ऐसे संगठन से संबंधित नहीं हैं जिन पर उस बैठक में अनुदान के लिए विचार किया जा रहा है।
- यदि कोई विशेषज्ञ अपने संगठन के प्रस्ताव की सिफारिश करता पाया जाता है, तो उस विशेषज्ञ और उसके संगठन को उस विशेष बैठक में चयन से वंचित किया जा सकता है।
जरूरी दस्तावेज
आवश्यक दस्तावेज़ :
- संस्था का संविधान: संस्था के नियम और कानून, कैसे काम करती है, इसकी जानकारी।
- प्रबंधन बोर्ड या गवर्निंग बॉडी: संस्था के मुखिया लोगों की सूची और उनके बारे में जानकारी। (NGOs/VOs के लिए)
- वार्षिक रिपोर्ट: संस्था ने पिछले साल क्या किया, इसकी रिपोर्ट।
- आय-व्यय का ब्योरा: पिछले तीन साल में संस्था को कितने पैसे मिले, कितने खर्च हुए, इसका ब्योरा। पिछले साल की बैलेंस शीट, जिसे किसी CA या सरकारी ऑडिटर ने देखा हो।
- इंडेमनिटी बॉन्ड: स्टाम्प पेपर पर लिखा गया एक वादा, जिसमें संस्था कुछ शर्तों का पालन करने का वचन देती है।
- बैंक खाते का विवरण: जिस खाते में पैसे भेजे जाने हैं, उसका विवरण।
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट:
- प्रोजेक्ट का विवरण: आप किस काम के लिए पैसे मांग रहे हैं, वह कब तक चलेगा, उसमें कौन लोग काम करेंगे, उनकी योग्यता क्या है।
- खर्च का ब्योरा: बार-बार होने वाले और एक बार होने वाले खर्च अलग-अलग बताएँ।
- पैसे का स्रोत: प्रोजेक्ट के लिए आपके पास और कितने पैसे हैं, वे कहाँ से आएंगे।
याद रखें: ये सभी दस्तावेज़ ज़रूरी हैं। अगर आप किसी एक की जानकारी नहीं देते हैं, तो आपकी अर्ज़ी रुक सकती है।
महत्वपूर्ण तिथियां
- छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: Update Soon
- जानकारी में गलती सुधारने की अंतिम तिथि: Update Soon
- संस्थान द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि: Update Soon
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संपर्क सूत्र
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार |
महत्वपूर्ण लिंक
ऑफलाइन आवेदन | क्लिक करें |
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सांस्कृतिक समारोह एवं उत्पादन अनुदान योजना के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
“सांस्कृतिक समारोह और उत्पादन अनुदान” योजना क्या है?
इस योजना के अंतर्गत सम्मेलन, संगोष्ठी, कार्यशाला, संगोष्ठी, उत्सव और प्रदर्शनियों जैसे सभी प्रकार के अंतःक्रियात्मक मंचों के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा। यह अनुदान सांस्कृतिक विरासत, कला, साहित्य और अन्य रचनात्मक प्रयासों के संरक्षण या संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण किसी भी विषय पर उत्पादन के लिए भी उपलब्ध होगा।
इस योजना को किस मंत्रालय ने शुरू किया है?
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने इस योजना की शुरुआत की है।
क्या यह योजना केंद्र प्रायोजित है?
हाँ, यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
योजना के तहत कितनी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी?
योजना के अंतर्गत विशिष्ट परियोजनाओं के लिए अनुदान व्यय के 75% तक सीमित होगा, जो विशेषज्ञ समिति द्वारा अनुशंसित ₹5.00 लाख प्रति परियोजना की अधिकतम सीमा के अधीन होगा। असाधारण परिस्थितियों में, मंत्रालय माननीय संस्कृति मंत्री के अनुमोदन से किसी भी उत्कृष्ट परियोजना को ₹20 लाख तक की सहायता बढ़ा सकता है।
किस प्रकार के संगठन इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र हैं?
स्वैच्छिक संगठन या गैर सरकारी संगठन आवेदक संगठन अनुदान के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए, एक लिखित संविधान के रूप में स्पष्ट रूप से परिभाषित और निर्धारित शक्तियों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के साथ एक उचित रूप से गठित प्रबंध निकाय होना चाहिए।
संगठनों को किन उद्देश्यों के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी?
वित्तीय सहायता निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए दी जा सकती है: (क) किसी भी कला रूप/महत्वपूर्ण सांस्कृतिक मामलों पर सम्मेलन, संगोष्ठी, कार्यशाला, संगोष्ठी, उत्सव, प्रदर्शनियां, नृत्य, नाटक थिएटर, संगीत आदि का उत्पादन और छोटे शोध परियोजनाएं आदि करना। (ख) सांस्कृतिक विषयों पर सर्वेक्षण, पायलट परियोजना आदि जैसे विकासात्मक गतिविधियों पर व्यय को पूरा करने के लिए, जिसमें उनके प्रकाशन भी शामिल हैं।
क्या संगठन का पंजीकरण कराना अनिवार्य है?
हाँ, संगठन को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (1860 का XXI), ट्रस्ट अधिनियम, कंपनी अधिनियम, या किसी केंद्रीय या राज्य अधिनियम के तहत कम से कम तीन वर्षों से कार्यरत और पंजीकृत होना चाहिए।
किस प्रकार के संगठन इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र नहीं हैं?
योजना, हालांकि, ऐसे संगठनों या संस्थानों पर लागू नहीं होगी जो धार्मिक संस्थानों, या स्कूलों/कॉलेजों के रूप में कार्य कर रहे हैं। यह योजना कॉलेज/विश्वविद्यालय उत्सवों के लिए नहीं है।
संगठनों को भुगतान कैसे किया जाएगा?
सभी भुगतान केवल इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण के माध्यम से किए जाएंगे।
अनुदान का भुगतान कैसे किया जाएगा?
अनुदान 75% (पहली किस्त) और 25% (दूसरी किस्त) की दो किस्तों में जारी किया जाएगा।
क्या यह अनिवार्य होना चाहिए कि आवेदन की सिफारिश किसी राष्ट्रीय अकादमी या किसी अन्य संस्कृति संबंधी संगठन द्वारा की जाए?
आवेदन की सिफारिश किसी भी राष्ट्रीय अकादमी, भारत सरकार के अधीन किसी अन्य संस्कृति संबंधी संगठन, या संबंधित राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन, राज्य अकादमियों द्वारा की जानी चाहिए।
किसी संगठन को आवेदन पत्र कहां मिल सकता है?
आवेदन पत्र संस्कृति मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। https://indiaculture.gov.in/sites/default/files/Schemes/Application_Form_CFPGS_03_05_2019.pdf
कोई संगठन योजना के तहत कैसे आवेदन कर सकता है?
योजना के तहत अनुदान के लिए निर्धारित प्रोफार्मा में आवेदन निदेशक, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी), 14, सीएसपी सिंह मार्ग, इलाहाबाद-211001 को भेजा जा सकता है।
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई है। सांस्कृतिक कार्य और उत्पादन अनुदान योजना, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना कला और संस्कृति के क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों और व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान करके उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का अवसर देती है।
यह योजना न केवल कला और संस्कृति के क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करती है, बल्कि देश की सांस्कृतिक विविधता को भी मजबूत करती है। यदि आप भी भारतीय संस्कृति के किसी भी क्षेत्र में काम कर रहे हैं और अपनी कला को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए एक सुनहरा अवसर है।
इस योजना का लाभ उठाकर आप न केवल अपनी कला को दुनिया के सामने ला सकते हैं, बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत को भी समृद्ध बना सकते हैं। तो देर किस बात की, आज ही इस योजना के बारे में विस्तार से जानें और आवेदन करें!
अधिक जानकारी के लिए, आप संस्कृति मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।
नोट – ऊपर दिए गए लेख में जानकारी आधिकारिक वेबसाइटों से ली गई है। हमारी टीम लगातार आपको सटीक और नवीनतम जानकारी देने के लिए प्रयासरत है। यदि आपको लगता है कि इस लेख में कोई सुधार की आवश्यकता है, तो कृपया हमें संपर्क पृष्ठ पर बताएं। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है और हमें अपनी जानकारी में सुधार करने में मदद करेगी। आप जानते हैं कि आजकल इंटरनेट पर बहुत सी गलत जानकारी फैलाई जाती है। इसलिए, आधिकारिक वेबसाइटों को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। एवं सटीक जानकारी के लिए ऑफिसियल वेबसाइट देखे | धन्यवाद!