कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना 2024-25 | Agri Clinics And Agri Business Centres Scheme in hindi

Agri Clinics And Agri Business Centres Scheme : कृषि क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना (AC&ABC) के बारे में जानें जो किसानों और कृषि स्नातकों के लिए स्वरोजगार के अवसर प्रदान करती है। इस योजना के माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी सेवाएं मिलती हैं और कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए रास्ते खुलते हैं।

Table of Contents

कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 2002 में एक योजना शुरू की थी। इसका नाम है “एग्रीक्लिनिक एंड एग्रीबिजनेस सेंटर” (AC&ABC) यानी कृषि क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र। इसका मकसद खेती को आगे बढ़ाना है। इसके लिए यह किसानों को अलग-अलग तरह की सेवाएँ और जानकारी मुहैया कराता है। ये सेवाएँ मुफ़्त भी हो सकती हैं और पैसे देकर भी। यह इस पर निर्भर करता है कि किसान की ज़रूरत क्या है, वह कितना खर्च कर सकता है और जो सेवा देने वाला है, उसका बिज़नेस मॉडल क्या है।

इस योजना से उन पढ़े-लिखे लोगों को बहुत फायदा होता है जिन्होंने खेती-बाड़ी से जुड़ा कोई कोर्स किया हो, लेकिन अभी तक उन्हें कोई काम नहीं मिला। ऐसे लोगों को यह योजना खुद का रोजगार शुरू करने में मदद करती है। इसमें वे लोग शामिल हैं जिन्होंने खेती से जुड़ी पढ़ाई में ग्रेजुएशन, डिप्लोमा, इंटरमीडिएट या फिर बायोलॉजिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया हो।

इस योजना के लिए नाबार्ड सब्सिडी देने का काम करता है।

सरकार इस योजना को लेकर बहुत गंभीर है। इसलिए अब यह खेती से जुड़े अलग-अलग विषयों में ग्रेजुएट्स को ट्रेनिंग भी दे रही है। जैसे बागवानी, रेशम उत्पादन, पशु चिकित्सा, डेयरी, मुर्गी पालन, मछली पालन आदि। ट्रेनिंग पूरी करने वालों को अपना काम शुरू करने के लिए खास तरह का लोन भी मिल सकता है।

कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना विवरण

योजना का नामकृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना
योजना का उद्देश्ययह योजना खेती-किसानी से जुड़े लोगों के लिए रोज़गार के नए अवसर पैदा करती है और किसानों को बेहतर खेती करने में मदद देकर उनकी आमदनी बढ़ाती है।
पात्रता आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए और कृषि या संबद्ध विषयों में स्नातक, डिप्लोमा, स्नातकोत्तर डिप्लोमा या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए, जैसा कि दिशानिर्देशों में निर्दिष्ट है।
लाभकृषि-क्लिनिक और कृषि-व्यवसाय केंद्र किसानों को फसल/पशु उत्पादकता बढ़ाने और आय बढ़ाने में मदद करते हैं। सहायता क्षेत्र: मिट्टी, फसल, पशु चिकित्सा, बाजार मूल्य आदि।
आवश्यक दस्तावेजआवेदक का आधार नंबर, ईमेल आईडी, नवीनतम शैक्षणिक योग्यता, बैंक विवरण और फोटो। , अन्य |
आवेदन कैसे करें ऑनलाइन प्रक्रिया
महत्वपूर्ण तिथियां Update Soon
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Agri Clinics And Agri Business Centres Scheme in hindi

कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना 2024-25

पात्रता

आवेदक की उम्र 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए।

आवेदक को इनमें से कोई एक योग्यता पूरी करनी होगी:

  1. कृषि स्नातक: कृषि या उससे संबंधित विषयों में स्नातक (B.Sc. Agriculture) डिग्री, मान्यता प्राप्त संस्थान से। (SAUs/ Central Agricultural Universities/ Universities recognized by ICAR/ UGC)
  2. कृषि डिप्लोमा: कृषि या उससे संबंधित विषयों में डिप्लोमा या पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, मान्यता प्राप्त संस्थान से, कम से कम 50% अंकों के साथ।
  3. जीव विज्ञान स्नातक + कृषि स्नातकोत्तर: जीव विज्ञान में स्नातक (B.Sc.) के बाद कृषि या उससे संबंधित विषयों में स्नातकोत्तर (M.Sc.) डिग्री।
  4. अन्य डिग्रियाँ: ऐसी डिग्रियाँ जिनमें 60% से ज़्यादा विषय कृषि या उससे संबंधित हों। UGC से मान्यता प्राप्त हो।
  5. अन्य डिप्लोमा/पीजी डिप्लोमा: जीव विज्ञान में स्नातक (B.Sc.) के बाद किया गया ऐसा डिप्लोमा या पीजी डिप्लोमा, जिसमें 60% से ज़्यादा विषय कृषि या उससे संबंधित हों। मान्यता प्राप्त संस्थान से हो।
  6. कृषि से संबंधित इंटरमीडिएट कोर्स: 12वीं में कृषि से संबंधित विषयों में कम से कम 55% अंक।

ध्यान दें: कुछ मामलों में, दूसरे संस्थानों से ली गई डिग्रियों या डिप्लोमा को भी मान्यता मिल सकती है। इसके लिए भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता विभाग से अनुमति लेनी होगी, जो राज्य सरकार की सिफ़ारिश पर दी जाती है।

लाभ

कृषि क्लीनिक:

कृषि क्लीनिक किसानों को फसलों और पशुओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताते हैं। इन क्लीनिक के विशेषज्ञ किसानों को खेती की पैदावार बढ़ाने में मदद करते हैं ताकि उनकी आमदनी भी बढ़े।

कृषि क्लीनिक किसानों को इन चीज़ों में मदद करते हैं:

  • मिट्टी की सेहत: मिट्टी की जाँच और सुधार के तरीके बताते हैं।
  • फसल की पद्धतियाँ: कौन सी फसल कब और कैसे उगाई जाए, इसकी जानकारी देते हैं।
  • पौधों की सुरक्षा: पौधों को बीमारियों और कीटों से बचाने के उपाय बताते हैं।
  • फसल बीमा: फसल बीमा करवाने में मदद करते हैं।
  • फसल कटाई के बाद: फसल को सुरक्षित रखने और बेचने के तरीके बताते हैं।
  • पशुओं का इलाज: पशुओं की बीमारियों का इलाज और देखभाल की जानकारी देते हैं।
  • पशु आहार: पशुओं को क्या और कैसे खिलाया जाए, इसकी जानकारी देते हैं।
  • बाज़ार भाव: फसलों के सही दाम और बेचने की जगह बताते हैं।

कृषि व्यवसाय केंद्र:

कृषि व्यवसाय केंद्र खेती-किसानी से जुड़े काम-धंधों के लिए एक जगह है। ये केंद्र खेती के औज़ार किराए पर देते हैं, खेती की चीज़ें बेचते हैं, और फसल कटने के बाद उसे बाज़ार तक पहुँचाने में मदद करते हैं।

सरकार की मदद:

सरकार इन क्लीनिक और केंद्रों को शुरू करने के लिए ट्रेनिंग, कर्ज़, और सब्सिडी देती है।

प्रोजेक्ट की गतिविधियाँ –

  1. खेती-बाड़ी से जुड़ी सलाह सेवा: किसानों को खेती की नई-नई तकनीकों और जानकारियों के बारे में सलाह देना।
  2. मिट्टी-पानी की जाँच प्रयोगशाला: किसानों के खेतों की मिट्टी और पानी की जाँच करके उन्हें सही सलाह देना और खाद-बीज के बारे में बताना।
  3. कीट-पतंगों से फसल की रक्षा: खेतों में कीट-पतंगों पर नज़र रखना, उन्हें पहचानना और उनसे फसल को बचाने के उपाय बताना।
  4. कृषि उपकरणों की मरम्मत और किराया सेवा: खेती के काम आने वाले छोटे-बड़े उपकरणों की मरम्मत करना और उन्हें किराये पर देना, जिसमें फुहारों से सिंचाई की व्यवस्था भी शामिल है।
  5. एग्री सर्विस सेंटर: ऊपर बताई गई तीनों सेवाएँ (खेती सलाह, मिट्टी-पानी जाँच, कीट नियंत्रण) एक ही जगह पर उपलब्ध कराना।
  6. बीज तैयार करने की इकाई: अच्छी क्वालिटी के बीज तैयार करना।
  7. पौधों की टिश्यू कल्चर से नई पौध तैयार करना: प्रयोगशाला में पौधों के छोटे-छोटे टुकड़ों से नई पौध तैयार करना।
  8. केंचुआ खाद और जैविक कीटनाशक बनाना: केंचुओं की मदद से जैविक खाद, कीटनाशक और फसलों को सुरक्षित रखने वाले तत्व तैयार करना।
  9. मधुमक्खी पालन और शहद उत्पाद: मधुमक्खियों को पालना, शहद इकट्ठा करना और शहद से अलग-अलग उत्पाद बनाना।
  10. मछली पालन के लिए छोटी मछलियाँ तैयार करना: मछली पालन के लिए छोटी मछलियाँ (फिंगरलिंग) तैयार करना।
  11. पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल: पशुओं के इलाज के लिए दवाखाना खोलना, पशुओं के वीर्य को सुरक्षित रखना और जरूरत पड़ने पर उपलब्ध कराना।
  12. गाँवों में खेती से जुड़ी जानकारी के लिए कंप्यूटर सेवा: गाँवों में कंप्यूटर लगाकर किसानों को खेती-बाड़ी से जुड़ी जानकारी देना।
  13. पशुओं के चारे की जाँच और तैयारी: पशुओं के चारे की जाँच करके अच्छी क्वालिटी का चारा तैयार करना।
  14. खेती से जुड़े उत्पादों को और बेहतर बनाना (वैल्यू एडिशन): फलों, सब्जियों और अनाज को सुखाना, जैम, अचार बनाना ताकि ये लंबे समय तक चलें और किसानों को ज्यादा मुनाफ़ा हो।
  15. खेत से लेकर बाज़ार तक सुरक्षित ढंग से सामान पहुँचाना (कोल्ड चेन): फलों, सब्जियों और दूध जैसे उत्पादों को खेत से लेकर बाज़ार तक ठंडा रखकर सुरक्षित ढंग से पहुँचाना।
  16. गाँवों में खेती से जुड़े उत्पाद बेचने की दुकान: गाँवों में किसानों के उत्पाद बेचने के लिए दुकान खोलना।
  17. खेती के सामान की खरीद-बिक्री की सुविधा: किसानों के लिए खाद-बीज जैसी चीज़ें खरीदने और अपनी फसल बेचने की सुविधा उपलब्ध कराना।

अपवाद

सेवानिवृत्त कर्मचारी जो पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें सरकारी योजनाओं में सब्सिडी नहीं मिलेगी। लेकिन, वो ट्रेनिंग लेकर खुद का बिज़नेस शुरू कर सकते हैं, जिसमें सरकार आर्थिक मदद नहीं करेगी।

आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन

  • चरण 1: आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • चरण 2: मांगे गए सभी खानों को ध्यान से भरें। जरूरी दस्तावेज सही साइज़ और फॉर्मेट में अपलोड करें।
  • चरण 3: “सबमिट” बटन पर क्लिक करके आवेदन पूरा करें।
  • आवेदक इस लिंक पर जाकर अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं।

जरूरी दस्तावेज

  1. आधार नंबर: आवेदक का आधार नंबर
  2. ईमेल आईडी: आवेदक की ईमेल आईडी (अगर है)
  3. पढ़ाई: आवेदक ने अभी तक कितनी पढ़ाई की है
  4. बैंक खाता: आवेदक के बैंक खाते का नंबर और बाकी जानकारी (जैसे बैंक का नाम, ब्रांच, IFSC कोड)
  5. फोटो: आवेदक की एक फोटो

अगर आपके पास अभी आधार नहीं है, तो इनमें से कोई भी एक चीज दे सकते हैं:

  • आधार के लिए जो पर्ची मिली है
  • आधार के लिए जो फॉर्म भरा है उसकी कॉपी, और साथ में वोटर आईडी कार्ड / पैन कार्ड / पासपोर्ट / राशन कार्ड / सरकारी नौकरी की आईडी / बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक / मनरेगा जॉब कार्ड / किसान फोटो पासबुक / ड्राइविंग लाइसेंस / या फिर आपके राज्य में जो भी दूसरा डॉक्यूमेंट मांगा जाए।

महत्वपूर्ण तिथियां

  • छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: Update Soon
  • जानकारी में गलती सुधारने की अंतिम तिथि: Update Soon
  • संस्थान द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि: Update Soon

संपर्क सूत्र

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय , भारत सरकार

महत्वपूर्ण लिंक

ऑनलाइन / ऑफलाइन आवेदनक्लिक करें
दिशा-निर्देशक्लिक करें

कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: एक एकड़ के लिए फसल ऋण कितना मिलता है?

उत्तर: सरकार द्वारा प्रति एकड़, प्रति सीजन 4,000 रुपये की डीबीटी (DBT) दी जाती है। साथ ही, बिना ब्याज के 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का ऋण भी मिल सकता है, जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपये प्रति किसान है। इसके अलावा, फसलों के लिए 4 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध है।

प्रश्न 2: बैंक ऋण के लिए लॉक-इन अवधि क्या है?

उत्तर: ऋण लेने की तारीख से तीन साल तक लाभार्थी बैंक ऋण को बंद नहीं कर सकता है।

प्रश्न 3: सब्सिडी का पैटर्न क्या है?

उत्तर: सामान्य वर्ग के लिए कुल वित्तीय परिव्यय (TFO) का 36% सब्सिडी है, जबकि महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति/पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के लिए यह 44% है।

प्रश्न 4: क्या पात्रता के लिए कोई और शर्त है?

उत्तर: जी हाँ, पेंशन प्राप्त करने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी सब्सिडी के लिए पात्र नहीं हैं। हालाँकि, वे प्रशिक्षण लेकर स्व-वित्त पोषित परियोजनाएं स्थापित कर सकते हैं।

प्रश्न 5: क्या परियोजना लागत की कोई ऊपरी सीमा है?

उत्तर: जी हाँ, व्यक्तिगत परियोजनाओं के लिए सब्सिडी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये और समूह परियोजनाओं के लिए 100 लाख रुपये है। अत्यधिक सफल व्यक्तिगत परियोजनाओं के लिए यह सीमा 25 लाख रुपये है।

प्रश्न 6: क्या उम्मीदवार समूह परियोजनाएं शुरू कर सकते हैं?

उत्तर: जी हाँ, यदि समूह में इस योजना के तहत प्रशिक्षित कुल पाँच या अधिक व्यक्ति हैं, तो उम्मीदवार समूह परियोजनाएं शुरू कर सकते हैं।

प्रश्न 7: अगर परियोजना पूरी नहीं हुई तो क्या होगा?

उत्तर: यदि परियोजना निर्धारित अवधि में पूरी नहीं होती है, तो सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा और भाग लेने वाले बैंक में जमा की गई अग्रिम सब्सिडी को तुरंत नाबार्ड को वापस करना होगा।

प्रश्न 8: प्रशिक्षण की अवधि क्या है?

उत्तर: एग्री-क्लिनिक और एग्री-व्यवसाय केंद्र स्थापित करने के इच्छुक छात्रों के लिए 45 दिनों का आवासीय प्रशिक्षण होता है।

निष्कर्ष

मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई है। इस प्रकार, एग्रीक्लिनिक एंड एग्रीबिजनेस सेंटर (AC&ABC) योजना कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल किसानों को आधुनिक तकनीक और जानकारी से जोड़ती है, बल्कि कृषि शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोलती है। सरकार की इस पहल से कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलने की उम्मीद है, साथ ही इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी और देश के विकास में कृषि का योगदान बढ़ेगा। यदि आप भी कृषि से जुड़े हैं या कृषि में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो AC&ABC आपके लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है।

नोट – ऊपर दिए गए लेख में जानकारी आधिकारिक वेबसाइटों से ली गई है। हमारी टीम लगातार आपको सटीक और नवीनतम जानकारी देने के लिए प्रयासरत है। यदि आपको लगता है कि इस लेख में कोई सुधार की आवश्यकता है, तो कृपया हमें संपर्क पृष्ठ पर बताएं। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है और हमें अपनी जानकारी में सुधार करने में मदद करेगी। आप जानते हैं कि आजकल इंटरनेट पर बहुत सी गलत जानकारी फैलाई जाती है। इसलिए, आधिकारिक वेबसाइटों को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। एवं सटीक जानकारी के लिए ऑफिसियल वेबसाइट देखे |  धन्यवाद!

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